राष्ट्र को एकता, विकास और सद्भावना के धागों में पिरोकर करना होगा संपन्न भारत के स्वप्न को साकार
भारत आज अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, आज देशभक्ति का यह महापर्व हर एक शख्स के लिए खास है, स्वतंत्रता के इन 75 सालों में ‘भारत’ ने हर एक वर्ग में अपना नाम ऊंचा किया है और कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। इसके साथ ही भारत को कई नए अनुभव हासिल हुए और कई नई चुनौतियां भी देश के सामने आई है। हालांकि स्वतंत्र भारत का अब तक का इतिहास साक्षी है कि देश ने हर चुनौती का सामना मिलकर और डटकर किया है। लेकिन क्या हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस मजबूत और संपन्न भारत की कल्पना की थी, उस कल्पना को साकार करने में हम अपना सार्थक योगदान दे रहे हैं? क्या हम राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति सजग है ? ये कुछ ऐसे सवाल है जिनपर सभी देशवासियों को विचार करने की जरूरत है।
देश में जब भी स्वतंत्रता दिवस या फिर गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रिय पर्व का अवसर आता है तो लोग सोशल मीडिया पर देश के प्रति अपना सारा प्रेम उड़ेल देते है। लेकिन महत्त्व इस बात का है कि क्या प्रत्येक नागरिक साल के 365 दिन राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को सजगता से निभाता है, या सिर्फ देश के लिए प्रेम और समर्पण सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों तक सीमित है।
देश में सोशल मीडिया का चलन बढ़ने के बाद लोग अपने अधिकारों के लिए आवाज भी इसपर ही उठाते है और अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों की बात भी इन्ही डिजिटल मंचो पर करते है। सोशल मीडिया पर उठाई गई आवाजों का अक्सर सकरात्मक परिणाम देखने को मिलता है। लेकिन जब सवाल अपने कर्तव्य निभाने का हो तो हमें लोगों के बीच जाकर यह कार्य करना होगा। किसी को भ्रष्टाचार करते हुए देखने पर उसे रोकना होगा। किसी गरीब या कमजोर वर्ग को अगर कोई सताए तो उसे अनदेखा करने के बजाए उसके खिलाफ आवाज बुलंद करनी होगी। अपने देश को स्वच्छ रखने और आम लोगों की सुविधा के लिए किए गए विकास को सरकारी संपत्ति समझकर उसे नुकसान पहुंचाने के बजाए उसको संरक्षित करना भी हमारा नैतिक कर्तव्य है।
देश में जब भी कोई आंदोलन या प्रदर्शन होता है तो अक्सर पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचने की खबरे सामने आती हैं। प्रशासन और सरकार की खामियों के खिलाफ आवाज उठाना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन आंदोलन या प्रदर्शन करते हुए लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि आम लोगों के हित के लिए विकसित की गई संपत्ति को नुकसान न पहुंचे। इससे देश के विकास में बाधा आती है और देश के विकास का संरक्षण सरकार के साथ-आठ प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य भी है।
भारत की प्रगति में सबसे अधिक महत्वपूर्ण योगदान अगर कोई दे सकता है तो वह है इस देश का युवा, युवाओं द्वारा किये गए इनोवेशन और सार्थक प्रयास ही भविष्य के भारत की तस्वीर तैयार कर सकते हैं। देश के युवाओं में प्रतिभा और ऊर्जा बेहद अधिक है। प्रतिभावान युवा अपने अपने निजी भविष्य को बेहतर बनाने को लेकर कार्य भी करते हैं। लेकिन उनकी प्रतिभा वास्तव में तब और अधिक सार्थक सिद्ध होगी जब वह देश के विकास आधुनिक भारत के निर्माण में काम आए। देश का युवा समूचे राष्ट्र को एकता, विकास और सद्भावना के धागों में पिरोकर एक आत्मनिर्भर और संपन्न भारत का स्वप्न साकार कर सकते हैं।
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