जानिए साल में कब मनाया जाता है ‘Earth Hour Day’, क्या है इसका खास उद्देश्य
मानव जीवन की सुरक्षा के लिए पर्यावरण सुरक्षा और उर्जा बचत दोनों ही बेहद अनिवार्य है। उर्जा बचत के प्रति दुनियाभर के लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रति वर्ष पूरी दुनिया में अर्थ ऑवर डे (Earth Hour Day) मनाया जाता है। इस अवसर पर दुनिया के करीब 180 से ज्यादा देशों के लोग 8.30 बजे से 9.30 बजे तक यानी कि पूरे एक घंटे के लिए लाइटें बंद करेंगे और प्रकृति की सुरक्षा और बेहतरी की कामना करते हुए उर्जा की बचत में अपने योगदान देंगे।
अर्थ ऑवर डे हर साल मार्च महीने के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य प्रकृति को होने वाले नुकसान से बचाना और मानव समाज के भविष्य को उज्जवल बनाना है। इस अवसर की शुरुआत वन्यजीव और पर्यावरण संगठन वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर द्वारा साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में की गई थी।
इस दिन ऊर्जा बचत के लिए प्रोत्साहन देने के लिए विश्व भर की कई ऐतिहासिक इमारतों की लाइटें बंद की जाती है। जिनमें भारत का राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और पेरिस का एफिल टावर, न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग सहित कुल 24 वैश्विक जगहों में अर्थ ऑवर डे मनाया जाता है।
बता दें कि अर्थ ऑवर डे की शुरुआत भारत में साल 2009 में हुई थी। तब इस मुहिम में देश के 58 शहरों में 50 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। साल 2010 में 128 शहरों के 70 लाख लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया था। जिसके बाद धीरे-धीरे यह पूरे देश में मनाया जाने लगा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की राजधानी दिल्ली में साल 2018 में सबसे ज्यादा 305 मेगावाट बिजली बचाई थी। जबकि पिछले साल करीब 79 मेगावाट की बचत की गई थी।
अर्थ ऑवर डे के अवसर पर मात्र एक घंटे के लिए अपने घरों और कार्यालयों पर गैर जरूरी लाइटों और बिजली से चलने वाले उपकरणों को बंद रखने से हम प्रकृति के सरंक्षण में हम बेहद अहम योगदान दे सकते हैं। इससे भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को प्रकाश भरा जीवन मिल सकता है।
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