Republic Day 2022: ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ से लेकर ‘शेरशाह’ तक इन फिल्मों ने दिया देशभक्ति का संदेश, सुनाई देश के वीर जवानों की गाथा
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन देशभक्ति फिल्में दी हैं, और आगे भी देते रहेंगे
भारत आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, आज देशभक्ति का यह महापर्व हर एक शख्स के लिए खास है, इन 73 सालों में ‘भारत’ ने हर एक वर्ग में अपना नाम ऊंचा किया है और उसी वर्ग में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री भी आती है. भारतियों को अपना सविंधान और अपने कानून मिलने के 73 साल बाद यानी सन् 1950 से अब तक भारत ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है और इन्ही उपलब्धियों के साथ हमारा सिनेमा भी आगे बढ़ता चला है।
सिनेमा को समाज का आईना भी कहा जाता है और बॉलीवुड ने कुछ इसी तरह के आईने का काम किया है। आज देशभक्ति के इस महापर्व पर हम कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में बात करेंगे जिनके बारे में जानकर आज का दिन आपको और भी गर्वित महसूस कराएगा। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन देशभक्ति फिल्में दी हैं, और आगे भी देते रहेंगे, आइए, जानते हैं इस बार आप किन फिल्मों को देखकर स्वतंत्रता दिवस मना सकते हैं।
‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’
फिल्म ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ साल 2002 में रिलीज हुई थी। राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने उस समय ऑडियंस के दिलों में देशभक्ति और अपने देश के लिए कुछ भी कर जाने का जज्बा जगाया था. एक समाजवादी क्रांतिकारी भगत सिंह, के जीवन पर आधरित इस फिल्म में सुपरस्टार अजय देवगन ने कमाल का अभिनय किया था. इस फिल्म को आज भी लोग बेहद पसंद करते हैं।
‘बॉर्डर’
सनी देओल स्टारर फिल्म ‘बॉर्डर’ साल 1997 में रिलीज हुई थी। जिसका निर्माण जे पी दत्ता ने किया था. यह फिल्म साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुई वास्तविक घटनाओं पर आधरित है। फिल्म में सनी देओल के अलावा सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, जैकी श्रॉफ, सुदेश बेरी, जैसे शानदार कलाकारों ने दर्शकों के दिलों में देशभक्ति का रंग भर दिया था. इस फिल्म में सनी देओल के डायलॉग्स को आज भी लोग बड़े चाव से याद करते हैं. यह फिल्म हमें अपने बहादुर सिपाहियों पर गर्व करने का एक और अवसर देती है।
‘रंग दे बसंती’
फिल्म ‘रंग दे बसंती’ 26 जनवरी 2006 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म इस बात पर रोशनी डालती है कि कैसे भारत के युवा देश के भीतर भ्रष्टाचार के खिलाफ गुस्से में हैं और अपनी आवाज उठाने और इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं. फिल्म में आमिर खान, सोहा अली खान, कुणाल कपूर, आर माधवन, शरमन जोशी, सिद्धार्थ नारायण और ब्रिटिश अभिनेत्री एलिस पैटन ने महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। जो न्याय पाने के लिए सरकार के खिलाफ भी लड़ने के लिए तैयार हैं।
‘लगान’
आमिर खान स्टारर ‘लगान’ साल 2001 में रिलीज हुई थी। आशुतोष गोवारीकर द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने दर्शाया कि ब्रिटिश राज के दौरान किस तरह भारतीय परेशानी झेलते हुए भी अपने देश को प्यार करते थे और अपनी संस्कृति और सम्मान के लिए लड़ना जानते थे. फिल्म ने देशप्रेम की भावना के साथ उसके सम्मान के लिए कुछ भी कर गुजरने का जज्बा लोगों के दिलों में जगाया था।
‘राजी’
साल 2018 में आई इस फिल्म ‘राजी’ ने उन देशभक्तों की कहानी को दिखाया था जिनके बलिदानों के बारे में लोगों को पता ही नहीं चल पाता है। फिल्म ने दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स को भी प्रभावित किया था, फिल्म में आलिया भट्ट के साथ विक्की कौशल मुख्य भूमिका में नजर आए हैं। यह हरिंदर सिक्का के उपन्यास ‘कॉलिंग सहमत’ पर बनाई गई थी।
‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’
साल 2019 की शुरुआत में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ उरी में भारतीय सेना पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतयी सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर इंडियन आर्मी द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी थी. फिल्म में विक्की कौशल ने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से आज के युवा में देशभक्ति के लिए एक नया जोश पैदा किया. फिल्म का एक डायलॉग ‘हाउज द जोश’ के रिप्लाई में ‘हाय सर’ लोगो के बीच बहुचर्चित है जो कि लोगो के दिलों में जोश जगाने का काम करता है।
‘मिशन मंगल’
अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ‘मिशन मंगल’ ने देशभक्ति और देश के प्रति समर्पण की भावना के नए अंदाज को भी दर्शकों के सामने पेश किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों की कहानी दिखाई, जिन्होंने मार्स ऑर्बिटर मिशन में अपना योगदान दिया है। इस फिल्म ने भारत की महिला वैज्ञानिकों को भी ट्रिब्यूट किया है।
इनके अलावा साल 2021 में भी फिल्म ‘शेरशाह’ और ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ जैसी फिल्मों ने डिजिटल स्पेस में धूम मचा दी। ‘शेरशाह’ में कारगिल युद्ध में भारत की जीत में योगदान देने वाले जांबाज कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी दिखाई गई है। फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ में IAF स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक के 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 300 महिलाओं की मदद से अपने मिशन को पूरा करने और इतिहास रचने की वीरगाथा को प्रदर्शित किया गया है।
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